सोमवार, 5 अप्रैल 2021

प्रेम ❤️




प्रेम शाश्वत सत्य है
प्रेम अस्पृश्य भाव है
प्रेम मंद समीर है
प्रेम शीतल जल है
प्रेम तरु है
प्रेम पावक है
प्रेम राधा है
प्रेम कान्हा है

     प्रेम शाश्वत सत्य है । प्रेम संसार की सबसे पीड़ा भरी अनुभूति है । प्रेम आकर्षण है , प्रेम मोह हैं, प्रेम बंधन हैं, प्रेम सीमा है प्रेम नशा है, प्रेम उम्मीद है, प्रेम जादू है, प्रेम जीवन है, प्रेम एक माँग है, प्रेम एक सिद्धांत है, प्रेम नजदीकी है, प्रेम रिश्ता है, प्रेम सम्मान है, प्रेम दिल हैं, प्रेम भरोसा है, प्रेम समर्पण है ।

      प्रेम के बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है । बिना प्रेम के प्रकृति भी हमें कुछ नहीं देती ।  मां का प्यार ही सच्चा लगता है । प्रेम के अनेक स्वरूप है । प्रेम समर्पण का भाव है । प्रेम वो भावना है जो आपसे कुछ भी करवा सकती है । प्रेम के बिना आप विश्वास नहीं कर सकते और जहां प्रेम नहीं वहां विश्वास भी नहीं । वहां केवल बैर और वैमनस्य पैदा हो सकता है और कुछ भी नहीं । 



     प्रेम के  बिना आप किसी पशु पक्षी और पेड़ पौधे की सुरक्षा और देखभाल नहीं कर सकते । आपको उनसे प्रेम है इसीलिए परवाह करते हैं । ईश्वर से अलौकिक रहता है जिसमें हमारी आत्मा परमात्मा से मिलती है । 

     प्रेम के कई स्वरूप होते हैं । माँ का प्रेम अनमोल और निस्वार्थ होता है । वो बिना किसी के स्वार्थ के अपने बच्चों का ख्याल रखती है , उसी के लिए जीती और मरती है । पिता का प्रेम हमें कभी दिखाई नहीं देता पर वो सदैव मौजूद रहता है एक साये की तरह हमारे साथ चलता रहता है जीवन भर । पिता अपने बच्चों की हर जरूरत पूरी करता है । 


       

💕 आज की मेरी कविता : निस्वार्थ प्रेम  💕


दुनिया में माँ का प्रेम ही निस्वार्थ होता है
केवल यही प्रेम सच्चा सुंदर कहलाता है
यही सच्चा प्रेम होता है

पिता का प्रेम हमें कभी दिखाई नहीं देता
सदैव मौजूद रहता है एक साये की तरह
यही सच्चा प्रेम होता है

बेटी का प्रेम भी बहुत निश्छल होता है
उसका प्रेम माँ के बाद सबसे अनमोल होता है
यही सच्चा प्रेम होता है

गुरु का प्रेम हमारी भलाई के लिए होता है
उसकी डांट में भी प्रेम छिपा होता है
यही सच्चा प्रेम होता है

मित्र का प्रेम सबसे अनमोल होता है
बिना मित्र के जीवन अधूरा होता है
यही सच्चा प्रेम होता है

ईश्वर का प्रेम पवित्र और अक्षय होता है
उनका आशीर्वाद हमारे लिए छत्र की तरह होता है
यही सच्चा प्रेम होता है


लेखिका :- मोना चन्द्राकर मोनालिसा ✍🏻



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